बेटा पढोगे नहीं तो आप डॉक्टर कैसे बनोगे? नहीं नहीं, हमारा बेटा तो पढ़ेगा ओर मन लगाकर पढ़ेगा तभी तो बड़ा डॉक्टर बनेगा, बड़ी बड़ी गाडियों में घूमा करेगा,, "बड़ा सा घर होगा अच्छी सैलरी होगी लोग डॉक्टर साहब, डॉक्टर साहब कहते हुए सलाम किया करेंगे,, लेकिन? बेटा ये तब होगा जब आप मन लगाकर पढ़ाई करोगे,,, महोदय आज बड़के वाले डॉक्टर हैं लेकिन माँ-बाप का सिखाया हुआ वो पहला सबक नहीं भूले क्योंकि माँ-बाप पहली पाढ़शाला होते हैं इसलिए जो उन्होंने सिखाया वो कच्चे ज़हन में ऐसे चिपका के ग़रीब, असहाय मरीज़ों की मजबूरियां, उनकी तड़प उनकी चीखो-पुकार भी उस सबक को भुला नहीं पा रही है,, ओर रही-सही कसर आज इन पेशावर शिक्षकों ओर तालीमी-इदारों ने पूरी कर दी महोदय को एक बड़ा पेशावर डॉक्टर बनाने में!!! अब डॉक्टर साहब की नज़र सिर्फ सिखाए गए पढ़ाई के उसी मक़सद पर टिकी हुई है,, उन्हें इससे क्या लेना-देना के एक डॉक्टर में दया-दृष्टि की भावना आम लोगों से ज़्यादा होनी चाहिए ओर डॉक्टर में खिदमत का जज़्बा कूट-कूटकर भरा होना चाहिए ..!!! आखिर ग़लती कहाँ हुई है??? #आजकी_तरबियत_की_सच्चाई