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सुभग सौभाग्य से स्वराज मिला, पुण्य भूमि को स्वर्ण

सुभग सौभाग्य से स्वराज मिला,
पुण्य भूमि को स्वर्ण ताज मिला,
धन्य हो गई वो कोख़ आज तो,
जिन माताओं के थे वो लाल अनमोल,
कलम, आज उनकी जय बोल।


सम्पूर्ण रचना अनुशीर्षक में पढ़े। सुभग सौभाग्य से स्वराज मिला,
पुण्य भूमि को स्वर्ण ताज मिला,
धन्य हो गई वो कोख़ आज तो,
जिन माताओं के थे वो लाल अनमोल,
कलम, आज उनकी जय बोल।

विश्वपटल पर नाम अंकित किया,
उच्च बुलंदियों ने चकित किया,
सुभग सौभाग्य से स्वराज मिला,
पुण्य भूमि को स्वर्ण ताज मिला,
धन्य हो गई वो कोख़ आज तो,
जिन माताओं के थे वो लाल अनमोल,
कलम, आज उनकी जय बोल।


सम्पूर्ण रचना अनुशीर्षक में पढ़े। सुभग सौभाग्य से स्वराज मिला,
पुण्य भूमि को स्वर्ण ताज मिला,
धन्य हो गई वो कोख़ आज तो,
जिन माताओं के थे वो लाल अनमोल,
कलम, आज उनकी जय बोल।

विश्वपटल पर नाम अंकित किया,
उच्च बुलंदियों ने चकित किया,

सुभग सौभाग्य से स्वराज मिला, पुण्य भूमि को स्वर्ण ताज मिला, धन्य हो गई वो कोख़ आज तो, जिन माताओं के थे वो लाल अनमोल, कलम, आज उनकी जय बोल। विश्वपटल पर नाम अंकित किया, उच्च बुलंदियों ने चकित किया, #कविता #हिंदी_साहित्य #rzmph #हिंदी_काव्य_कोश #rzmph182 #रामधारी_दिनकर #nishakmwal