#हसरत-ए-इश्क तारों भरी रात को यूँ ही गुजारा नहीं करते। अकेले - अकेले बैठ चाँद को निहारा नहीं करते। बूँद- बूँद इश्क बरसा रही ये दूधिया मद्धम रोशनी, सुन लेना सदाएं, हसरत-ए-इश्क से किनारा नहीं करते।। अम्बिका मल्लिक ✍️ ©Ambika Mallik #हसरतें वंदना .... R K Mishra " सूर्य "