Nojoto: Largest Storytelling Platform

गीता उपदेश तेरे वैरीलोग तेरे सामर्थ्यकी निन्दा करत

गीता उपदेश
तेरे वैरीलोग तेरे सामर्थ्यकी निन्दा करते हुए तुझे बहुत-से न कहने योग्य वचन भी कहेंगे; उससे अधिक दुःख और क्या होगा ? ॥ ३६ ॥ 

हतो वा प्राप्स्यसि स्वर्गं जित्वा वा भोक्ष्यसे महीम् । तस्मादुत्तिष्ठ कौन्तेय युद्धाय कृतनिश्चयः ॥

 या तो तू युद्धमें मारा जाकर स्वर्गको प्राप्त होगा
 अथवा संग्राममें जीतकर पृथ्वीका राज्य भोगेगा । इस कारण हे अर्जुन! तू युद्धके लिये निश्चय करके खड़ा हो जा॥३७॥

©आलोक विश्वकर्मा
  #geeta_updesh #aalok_vishwakrma