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हार माना हार चूकी हूँ... जीत तुम्हारी भी तो नही

हार    माना हार चूकी हूँ...
जीत तुम्हारी भी तो नहीं हुई...
दगा कर के समझते हो पा लिया सबकुछ...
मगर वक़्त के हाथों से कभी किसीकी रिहाई नहीं हुई !!!
इंसान हो इंसान बने रहो...Nidhi
मत रखो भगवान या शैतान होने का भरम...
''अति'' होने की ख़्वाहिश कभी किसीकी मुक़म्मल नहीं हुई !!! #हार
हार    माना हार चूकी हूँ...
जीत तुम्हारी भी तो नहीं हुई...
दगा कर के समझते हो पा लिया सबकुछ...
मगर वक़्त के हाथों से कभी किसीकी रिहाई नहीं हुई !!!
इंसान हो इंसान बने रहो...Nidhi
मत रखो भगवान या शैतान होने का भरम...
''अति'' होने की ख़्वाहिश कभी किसीकी मुक़म्मल नहीं हुई !!! #हार