मंज़िल बड़ी दूर है सफ़र भी कठिन है लेकिन राह में रुक जाना मुश्किलों के सामने झुक जाना मुमकिन नहीं है मुमकिन नहीं है कष्ट सहना पड़े जितना भी सहने को तैयार हूं मैं चलना पड़े दूर जितना भी चलने को तैयार हूं मैं लेकिन मंज़िल से पहले रुक जाना मुमकिन नहीं है मुमकिन नहीं है ©Chandra Mohan Singh मुमकिन नहीं है #never_give_up #chlte_rehna #BadhteKadam