“पृथ्वी” एक चित्ताकर्षक,मोहक अप्सरा की भाँति है।
जिसके ब्रह्मांड के ग्रह-उपग्रह व असँख्य तारे “प्रेमी” हैं!
जो चक्कर लगाते रहते हैं इसके चारों ओर..
इस अप्सरा का सामीप्य पाने को
तारों के टूटने का कारण है उनके संयम का बाँध टूटना!
वो लालायित होते है पृथ्वी के अंक में आने को। #yqbaba#YourQuoteAndMine#yqrestzone#collabwithrestzone#yqrz#rzpictureprompt#rzpicprompt4331