ज़िन्दगी गुलज़ार हैं "सुख"और "दुःख" साथ-साथ हैं हैरान हैं ज़िन्दगी, परेशानियों का डर ज़ार-ज़ार हैं मुश्किल आई तो,हर रिश्ता जीवन का हुआ तार-तार हैं छिपा नहीं है हल मुश्किलों का, सब यहाँ आर-पार हैं रौशन कर मन,उदित सूर्य सा विश्वास साथ-साथ हैं उठ तू, देख खुशियों से होगा मन तेरा बाग-बाग हैं ♥️ Challenge-570 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।