अपनी हर वफ़ा कों बस तेरे ऊपर लुटाये है, कब्र की तन्हाई कों महसूस करके आये है, ऐसे ही नहीं है मेरे आँखो में इतना अश्क... तेरी यादों कों बेचकर हमने ग़म और आँसू कमाए है। ©Sagar Raj Gupta #_ग़म_और_आँसू_ #_मैं_दर्द_हूँ_ #_मैं_ही_दर्द_का_सागर_हूँ_ #_सागर_का_दर्द_ #_My_Shayari_is_my_life_ #_Sagar_the_king_of_words_ #_Sagar_the_Shayar_ #Sagar_Sir_Bettiah