अंदर की आवाज के आगे डीजे की फूल वोल्यूम भी फीका पड़ जाता हैं.. फिर भी ऐसे थिरकता हैं और कभी-कभी ऐसे मुस्कुराता हैं जैसे की कोई फिकर ना हों ना आज की..ना कल की.. जब ख़ामोश रहता तों भनक भी नहीं लगता किसी को काहे कि फल सें झूला हुआ पेड़ का तना ना हर किसी को मुस्कुराता हुआ ही नजर आता हैं .. आखिर में वो पेड़ का तना झेल रहा होता हैं उन फल को पकाने की जिम्मेदारियां हवा, धूप,औंस के डोलते हुए ... उसी प्रकार एक लड़का मुस्कुराता नज़र आने लगता हैं ज्यों ज्यों वो जिम्मेदारियों को लिए उसे पूरा करने में लग जाता हैं... ©prahlad mandal ek ladka #patience