अल्फाजों से परे जो तुम जज्बातों को पढ लो तो मेरा लिखना मुकम्मल हो जाए कुछ खामोशियों लफ़्ज़ों में भी छुपी होती है जो कोर पन्नों पर आंसूओं से लिखी होती है