मैं ही बोलूं सब कुछ या तुम भी कुछ बोलोगे? सुनने को प्रतीक्षित हैं तुम्हारा बोलना ज़रूरी है।। जन्म लेती हैं शंकाएँ सुनी सुनाई बातों से, हृदय से गलतफहमियां मिटाना ज़रूरी है।। कुछ बातें हैं जो हमारी, तुम्हें पसन्द नहीं हों, उन सभी बातों को उपेक्षित करना ज़रूरी है।। सम्वाद ज़रूरी है।