तेरे चेहरे पर जबसे उल्फ़त का नूर आया है जागी-जागी रात उलझी-उलझी साँझआई है 🌸 तेरे इशारे से सपनों की परियां जाग उठी है बनके कली कोई आँखों में झांकने आई है 🌸 दिल को नूर से मांजकर ,आइना बनाया हूँ मुझे देख फूलों की बग़िया भी नाच उठी है 🍃🌸🌱🍀🌹🌼🌻🌺🌿🌾🍃🌺 #बज़्म