भारत की होती जिनसे शोभा, जों दिखलाती भारत की आभा। आज उदय दुलारी नेह लिखेगी, भारत के विरासत स्थलों की गाथा।। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक, फ़ैला मेरे भारत का प्रकाश हैं। पूरब पश्चिम हो या बात करूं उत्तर दक्षिण की, चारों दिशा में भारत की बात हैं। मंदिर मंदिर में होता महाभारत, गीता, वेद, और हैं पुराण यहां। भाई चारा हैं यहां, मस्जिदों में होती हैं संग संग बैठकर कुरान यहां।। राम की भूमि अयोध्या नगरी यहां, सांवरे की मथुरा वृंदावन बृजधाम हैं। काशी विश्वनाथ का मंदिर, प्रयाग राज का संगम, चित्रकूट का धाम हैं।। कुतुबमीनार, लालकिला, और हैं जामा मस्जिद, भारत की शान हवा महल। आठवां अजूबा हमारे यहां, शाहजहां के प्रेम की याद दिलाता वो ताजमहल।। अमरकंटक, स्वर्ण मंदिर, रामायण में नल नीर की याद दिलाता वो रामेश्वरम। चारों धाम हमारे भारत धाम में, उदय दुलारी नेह करती इनको बारम्बार नमन।। गंगा यमुना सरयू की धार यहां, ग्वालियर के किलों की अजब शान हैं। फूलों की घाटी, सारनाथ, चंपागढ़ पावनेर ये हर भारतीयों का अभिमान हैं।। सांची का स्तूप यहां, एलीफेंटा की गुफाएं काजीरंगा, चोल मंदिर, हम्पी का स्मारक हैं। कोरणार्क का सूर्य मंदिर, भीम बेटिका बोधगया और फतेहपुर सीकरी भारत के विरासत हैं।। आवर वे ऑफ द मोटिव में आपका स्वागत है, भारत के अनेक विरासत स्थल को एक कविता में समाहित कीजिये । पूर्ण जानकारी सहित सुसज्जित शब्दो मे, कोई भी शब्द इंटरनेट द्वारा कॉपी नही होना चाहिए,