सच बोलने वालों के मुंह लगा हुआ है ताला । कारण है इसका ऊपर से लेकर नीचे तक सभी झूठ के पुजारी हैं। हालत बिगड़ी अपने हिंदुस्तान की। तानाशाह की हो रही जय जयकार। देखो इसकी कथनी करनी हम सबको हंसी आती है। झूठ पर झूठ पर बोलता रहता। कहता अपना हिंदुस्तान महान है। तानाशाह ने गोद ले लिया सारा हिंदुस्तान। तानाशाह सबको गोदी में खिलाकर हमको न्यू इंडिया के सपने दिखा रहा है। सच तो यह है यह देश फिर हिंदू बादी बन रहा है पंथनिरपेक्ष देश हमारा सब धर्मों को है आजादी। खतरे में है आज इंडिया कौन इसे बचा पाए। हो रहे टुकड़े आज संविधान के। लगता है फिर लूटी जा रही अभिव्यक्ति की आजादी। लिखने वाले ने कह दिया किताब चाहे कितनी अच्छी क्यों ना हो यदि पढ़ने वाले खराब है तो किताब खराब होगी। तानाशाह पर व्यंग आगे और तानाशाह पर व्यंग