आज उदासी ne कहर ढा रखा है शायद मतवाली बातें तेरे शहर को जा रखा हैऔर ढूंढ रही हो खुद के इस पहर में जगमगाती रातें ,,कहां चली गई वो तेरे बाते जो नैनो को सुकून की नींद सुला दे........🤗🤗 ढूंढ रही हूं खुद के पैर में जगमगाती ....... 🤗🤗