आओ मिलकर बैठे हम दोनों, फिर उसी कनेर की छाँव में। दो कुर्सियां ओर एक टेबल होंगी, फिर उसी कनेर की छाँव में। देखो जरा संभल के चलना कांटे चुभ न जाये तुम्हारे पाँव में। कुछ तुम कहना, कुछ मैं कहूंगा, फिर उसी कनेर की छाँव में। आओ मिलकर रिश्ते पर छाई गर्द हटाये, फिर उसी कनेर की छाँव में। डूबते सूरज की लालिमा को देखेगें हम, फिर उसी कनेर की छाँव से। देखो तुम मुस्काती रहना, एक भी आँसू गिर न पाये इन पलकों के गांव से। यादों के पुराने तिलिस्म को तोड़ेंगे हम, फिर उसी कनेर की छाँव में। आओ मिलकर दुनियां की सुनेगें, फिर उसी कनेर की छाँव में। हाथ थामकर साथ चलेगें हम, फिर उसी कनेर की छाँव से। देखो तुम विचलित ना हो जाना, जीवन के इस अंतिम पड़ाव में। नवसृजन का गीत लिखेगें हम, फिर उसी कनेर की छाँव में। #gazals #kavita #hindi #urdu #tum_hi_to_ho #Hindipoetry #love #sunonaa #