यूँ मौसम का रुख बदला है। इन बादलों की गर्जन बढ़ती ही जा रही है। अंबर का रंग भी बदलता जा रहा है। वक्त मानो थमता ही जा रहा है। तबाह ये सारा जहां सा लगता है। जीवन भी अब अधूरा सा लगता है। रो भी नहीं पाती ये रातें खुलकर। सिसकती है ये भी अपने अंधेरों की चादर ओढ़ कर, चाँद की चाँदनी भी अब धुंधली सी लगती है। सूरज की किरणें भी बेवजह सी लगती है। जिंदगी अब बेरंग सी लगती है । ~जाह्नवी @spritual_write7 old writeup #justwrite #shewrites #jahanwiraj #jaanwritings #Nojoto Nojoto