#MessageOfTheDay आराम ही आराम में गुजर रही थी जिंदगी बस ख्वाइशे कुछ अधूरी सी थी चेहरे पर थकान' और झुर्रियों से भरा चेहरा' वो हाथ पैरों की लड़खड़ाहट, सुध बुध खो रहा था ईक कोना' वो अलग से पड़ा मेरा बिछोना, वो आराम कुर्सी इंतजार में थी, कार्यालय, दफ्तर ' से लंबी अवधि के बाद साथ छूटा उसका, मेरे किसी रोज दफ्तर ना आने के इंतजार में' ,, मुझे पुकारती वो -"आराम कुर्सी",,! फाईलो और दीवारों से बतियाती, मेरे रुतबे और शानो-शौकत को दर्शाती वो मेरी कोई हमसफ़र "आराम कुर्सी" अपनों से किसी बात पर नाराज "मैं" > गले लगाती वो- "आराम कुर्सी" हर सुबह और शाम अखबारों और चाय की चुस्की यों के साथ अपनेपन का एहसास दिलाती वो मेरी "आराम कुर्सी" हर शाम दफ्तर से घर वापसी पर जैसे मैं उसकी पीठ थपथपाता और कहता तुम अकेली नहीं हों अगली सुबह मैं फिर से मिलूंगा' और वो जैसे उदासी को समेटें अपने "दामन" में,, मेरे इंतजार में, एक दौर जब रिटायरमेंट का आया ' छूटा साथ उस "आराम कुर्सी" का तो मैंने उसे दौड़ कर गले लगाया,, हां " "मुझे उसका साथ बहुत भाया " और मैं ना बिना किसी से पूछे उसे दफ्तर से घर ले आया ! ©Neetu Sharma मैं और मेरी आराम कुर्सी😊😊😊🤗🤗🤗❤️😍🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑🪑 #nojotoapp#nojotoquote#sabdanchal#Kavya#nojotohindi#nojotonews#nojotoenglish #Messageoftheday sheetal pandya मेरे शब्द सत्यप्रेम Mukesh Poonia Internet Jockey ram singh yadav suresh guliya aditi agrwal vks siyag