(सावरकर नही गांधी थे वो) बिगुल आज़ादी का भरने वाले धरने प्रदर्शन करने वाले आंदोलन के आदि थे जो सावरकर नही गांधी थे वो प्रेम के पथ पर चलने वाले दुश्मन से न डरने वाले अंग्रेजो बीच आंधी थे जो सावरकर नही गांधी थे वो सत्य अहिंसा हथियार था जिनका हर भारतीय परिवार था उनका दृढ़ प्रतिज्ञा करने वाले धारण पट के खादी थे जो सावरकर नही गांधी थे वो सबको साथ रखने वाले एकता की बात करने वाले मानवता के वादी थे जो सावरकर नही गांधी थे वो ©Durgesh Dewan #2october #poetry #mhatmagandhi #gandhijayanti