वो हमारी नज़रों में रहकर भी, हमारी इन नज़रों से दूर बहुत है......... बेशक इस जहां में बदनाम है वो, हमारी महफ़िलों में मशहूर बहुत है...... हमने कहा था इक रोज़ हम ज़रूर, बनाएंगे उसको महमान-ए-खुसूसी...... यकीनन यारों हमारी इस बात का, उस नादान को गुरूर बहुत है............. ©Poet Maddy वो हमारी नज़रों में रहकर भी, हमारी इन नज़रों से दूर बहुत है......... #Eyes#Sight#Infamous#Famous#Gathering#ChiefGuest#Friends#Innocent#Proud...........