कुछ तुझ पे उधार है कुछ मुझपे उधार है ज़िंदगी की कुछ मीठी यादें दोस्तों की कर्ज़दार हैं बड़ी मंहगी है यहाँ शख्सियतें बड़े उलझे यहाँ सब किरदार हैं उस पार दोस्त खड़े हैं बीच में ज़िंदगी की मझधार है यूँ तो ज़िंदगी में भीड़ बहुत है और जीने की तरकीबें बेशुमार हैं फिर भी जीवन में कोई कमी है शायद पुराने दोस्तों की दरकार है इश्क़ का पता नहीं है पर दोस्ती एक पतवार है अगर ज़िंदगी अंधेरों की गहरी सुरंग है तो दोस्त रोशनी की दरार है... ©trehan abhishek #दोस्ती #friendshipday #management #yqdidi #yqaestheticthoughts #yqrestzone