बचपन और शैतानी वो अपली धपली छुपनछुपाई एक फूंक का जादू टोना अन्तर मन्तर तेरी मेरी खूब लड़ाई केवल सिर्फ कलम का अन्तर कट्टी वाला गुस्सा मेरा थी जैसे घड़ी(वक्त)पराई पल भल में ही छू मन्तर जब यारी कि सच्ची कसम दिलाई बचपन वाली बात तुम्हारी याद है सारी मेरे भाई! बचपना