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तन्हाइयों के साये में तेरी यादें पलें यहां से वहां

तन्हाइयों के साये में तेरी यादें पलें
यहां से वहां मुझको तुज तक ले चलें
शाम पे होकर महेरबां आये तेरी आशिकी
शब भर मदहोशी बहके बनकर हमनशीं
कहां दिल भरता है पल दो पल के आगोश में
आफ़ताब भी तेरी बांहों में नीकले फिर दिन सरगोशी में 
यूं तो कहने को बहोत कुछ है तुझे हर सहर
पर कलम रूक गई है फिर आकर उसी 'रात' पर #feeling_loved #मीरां #nojotohindi #gazal #poetry Satyaprem Upadhyay Pratyush Raunak
तन्हाइयों के साये में तेरी यादें पलें
यहां से वहां मुझको तुज तक ले चलें
शाम पे होकर महेरबां आये तेरी आशिकी
शब भर मदहोशी बहके बनकर हमनशीं
कहां दिल भरता है पल दो पल के आगोश में
आफ़ताब भी तेरी बांहों में नीकले फिर दिन सरगोशी में 
यूं तो कहने को बहोत कुछ है तुझे हर सहर
पर कलम रूक गई है फिर आकर उसी 'रात' पर #feeling_loved #मीरां #nojotohindi #gazal #poetry Satyaprem Upadhyay Pratyush Raunak