तन्हाइयों के साये में तेरी यादें पलें यहां से वहां मुझको तुज तक ले चलें शाम पे होकर महेरबां आये तेरी आशिकी शब भर मदहोशी बहके बनकर हमनशीं कहां दिल भरता है पल दो पल के आगोश में आफ़ताब भी तेरी बांहों में नीकले फिर दिन सरगोशी में यूं तो कहने को बहोत कुछ है तुझे हर सहर पर कलम रूक गई है फिर आकर उसी 'रात' पर #feeling_loved #मीरां #nojotohindi #gazal #poetry