इस आसान से लगने वाले कठिन सफ़र में अचानक चलते चलते मैं अक़्सर ये सोचने लगता हूँ कि ज़िंदगी की तेज़ लहरें मुझें किस दिशा में बहाकर ले जा रही है,लेकिन मुझें कोई उत्तर नही मिलता सिवाय ख़ामोशी के सोचता हूँ, चंद लम्हें रुक कर सोचूँ की क्या खोया क्या पाया। मेरा वज़ूद कोई नदी की लहरों पर सवार किसी पेड़ की डाली से टूटा पत्ता नही था, मैं तो वो पेड़ था जिसने ख़ुद को गिराकर लहरों की दिशा में ख़ुद बहना शुरू कर दिया औऱ अपनी तक़दीर लहरों के नाम कर दी, फिर क्यों आज़ मैं विचलित हूँ, मन बेचैन सा है, क्यों मैं किंकर्तव्यविमूढ़ हो गया हूँ! आख़िर क्यों???? #cinemagraph #review_of_life #yqdidi #yqbaba #आशु_की_कलम_से #हक़ीक़त