सब मौन हैं, सब गौण हैं, पर जो जन्म लेने पर है अड़ा, पुलकित हृदय सा सौम्य है। जो खिल रहा है गर्भ में, क्या जाने वो शिशु कौन है.. अब करो न भेद तुम ,अब करो न द्वेष तुम जो खिलने वाली है कली, उसे सहर्ष ही स्वीकार कर.. कब तक करोगे मूर्खता, अब तो बेटियों से प्यार कर.. बेटियों से प्यार कर.. ©kalpana srivastava #बेटियांँ