ये आसमानी आँचल सितारों से सज रहा हैं, क्या सच में अमावस्या आने वाली हैं, या फिर युहीं कोई चाँद बेवजह घट रहा हैं। एक सितारे के लिये आसमान से बादल हट रहा हैं, क्या इस बार भी तेरी कोई साजिश हैं, या फिर सितारा अम्बर में रह के धरती को पढ़ रहा है। फिर से कुछ याद आया हैं तेरी घड़घड़ाहट सुन कर, क्या सच में बरसने का मन हैं, या फिर मेरी तरह तू भी कोई चेप्टर रट रहा हैं। #मोनिका वर्मा #अनकहे_अल्फ़ाज़ 💖✍️