अश्कों के साए में जिए जा रहे हैं। उल्फत में तेरी कितने रंजो सितम के घूंट पिए जा रहे हैं। शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव #gif शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी अश्कों के साए में।