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वो नदियाँ नहीं आंसू थे मेरे, जिस पर वो कश्ती चलात

वो नदियाँ नहीं आंसू थे मेरे, जिस पर 
वो कश्ती चलाते रहे,
मंजिल मिले उन्हें यह चाहत थी 
मेरी इसलिए 
हम आंसू बहाते रहे।

😢🎀😢
_© महफ़िल ❣️ #Earth_Day_2020
वो नदियाँ नहीं आंसू थे मेरे, जिस पर 
वो कश्ती चलाते रहे,
मंजिल मिले उन्हें यह चाहत थी 
मेरी इसलिए 
हम आंसू बहाते रहे।

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_© महफ़िल ❣️ #Earth_Day_2020