नीर भरे अंखियन मे उनकी याद सताती है, दिन जैसे तैसे है बिता, रात अभी भी बाक़ी है, केह के गये तकना तुम रस्ता, नींद कहा अब आती है, दरवाजे की हर इक आहट, झूठा एहसास दिलाती है, दिन महीने साल है बीते, उम्र गुज़रती जाती है, उम्मीदों की लौ तले आस मेरी रह जाती है, नीर भरे अंखियन मे उनकी याद सताती है, दिन जैसे तैसे है बिता, रात अभी भी बाक़ी है "हरीश तन्हा" ©Harish Pandey #हरीशतन्हा pooja negi# komal sindhe Roy MeghA.....♥♥