तेरी बाहों में सकून है जितना, नहीं कहीं इस जहां में इतना, तू एक बार जो नजरें उठाले, तो इस जहामे कयामत आ जाए, तेरे होठो का हसना भी कम नहीं, हसे तो हम जीना भूल जाए, दुनिया मे हसी कोई नहीं तेरे जितना तेरी बाहों में सुकून है कितना, सोता रहु उम्र भर यहां पर, ऐसी कोई अब जगह नहीं है, तेरे सिवा में जाऊ कहा पर, ऐसा कोई हमनशी नहीं है, लेंजाए मूजको जन्नत की सैर में, तेरी बाहों मे सुकून है इतना। ©Mahendrasinh(Mahi) तेरी बाहों में सुकून है कितना #माही #शायरी #गजल #कविता