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मेरे सपनों में कुछ कमी है, इसलिए आंखों में नमी है

मेरे सपनों में कुछ कमी है,
इसलिए आंखों में नमी है
जो दुख की बदली जमी है
कल जब सारी की सारी पिघलेगी.

नई करवट लेगी जिंदगी
कुछ उड़ानें आंखें भरेगी.
तालियों की गूंजें गूंजेगी
कल जब सारी दुनिया बदलेगी.

मैं भर के पॉकेट में खुशियां
झूमुंगा हो के मस्तमौला,
मुठ्ठी में बंद कर के कामयाबी
पहन लूंगा तारीफों का चोला.


आओ,देखो मैं दुनिया अपने
       हिसाब से  बनाऊंगा,
चलो, उड़ों मेरे साथ तुम
      मैं तारों को दिखाऊंगा।

आज तकलीफें ही हमदमी है,
सारी चोटें भी आज मरहमी है,
जो दुख की बदली जमी है
कल जब सारी की सारी पिघलेगी.

आसमानों से अपनी है दोस्ती,
इस जहां में अपनी भी हस्ती,
तालियों की गूंजें गूंजेगी
कल जब सारी दुनिया बदलेगी.

वक़्त को रेस में हराकर 
       वक़्त  आगे को जाना है,
 इक वादा है खुद से
     नजइस धरती को बेहतर बनाना है,

समझो,परखो ये जो मेरे 
           अनमोल सपने है,
जियो , मरो उसी के लिये 
        जो तुम्हारे अपने है.

दूर करो उसे जो गलतफहमी है,
जो बेचैनियों की चहलकदमी है,
जो दुख की बदली जमी है
कल जब सारी की सारी पिघलेगी.

निराशाओं  फसलें कटेगी,
अंधेरों की भी सांसें टूटेगी,
तालियों की गूंजें गूंजेगी
कल जब सारी दुनिया बदलेगी.

अपनी उंगलियों से हवा पे
           इक नया इतिहास लिख दूंगा,
उम्मीदों के टूटे कलशों पे
         फिर इक विश्वास लिख दूंगा.
मेरे बाद भी मुझे याद 
            करेगा यह जमाना
छोड़ जाऊंगा मैं सदियों
           तक का ऐसा खजाना.

मेरी सफलता थोड़ी शबनमी है,
मेरी आशाएं थोड़ी जमजमी है,
जो दुख की बदली जमी है
कल जब सारी की सारी पिघलेगी.

इक कहानी अभी है जो  कागजी,
शब्दों को जरूरत है आवाज़ की,
तालियों की गूंजें गूंजेगी
कल जब सारी दुनिया बदलेगी. kuch kami hai
मेरे सपनों में कुछ कमी है,
इसलिए आंखों में नमी है
जो दुख की बदली जमी है
कल जब सारी की सारी पिघलेगी.

नई करवट लेगी जिंदगी
कुछ उड़ानें आंखें भरेगी.
तालियों की गूंजें गूंजेगी
कल जब सारी दुनिया बदलेगी.

मैं भर के पॉकेट में खुशियां
झूमुंगा हो के मस्तमौला,
मुठ्ठी में बंद कर के कामयाबी
पहन लूंगा तारीफों का चोला.


आओ,देखो मैं दुनिया अपने
       हिसाब से  बनाऊंगा,
चलो, उड़ों मेरे साथ तुम
      मैं तारों को दिखाऊंगा।

आज तकलीफें ही हमदमी है,
सारी चोटें भी आज मरहमी है,
जो दुख की बदली जमी है
कल जब सारी की सारी पिघलेगी.

आसमानों से अपनी है दोस्ती,
इस जहां में अपनी भी हस्ती,
तालियों की गूंजें गूंजेगी
कल जब सारी दुनिया बदलेगी.

वक़्त को रेस में हराकर 
       वक़्त  आगे को जाना है,
 इक वादा है खुद से
     नजइस धरती को बेहतर बनाना है,

समझो,परखो ये जो मेरे 
           अनमोल सपने है,
जियो , मरो उसी के लिये 
        जो तुम्हारे अपने है.

दूर करो उसे जो गलतफहमी है,
जो बेचैनियों की चहलकदमी है,
जो दुख की बदली जमी है
कल जब सारी की सारी पिघलेगी.

निराशाओं  फसलें कटेगी,
अंधेरों की भी सांसें टूटेगी,
तालियों की गूंजें गूंजेगी
कल जब सारी दुनिया बदलेगी.

अपनी उंगलियों से हवा पे
           इक नया इतिहास लिख दूंगा,
उम्मीदों के टूटे कलशों पे
         फिर इक विश्वास लिख दूंगा.
मेरे बाद भी मुझे याद 
            करेगा यह जमाना
छोड़ जाऊंगा मैं सदियों
           तक का ऐसा खजाना.

मेरी सफलता थोड़ी शबनमी है,
मेरी आशाएं थोड़ी जमजमी है,
जो दुख की बदली जमी है
कल जब सारी की सारी पिघलेगी.

इक कहानी अभी है जो  कागजी,
शब्दों को जरूरत है आवाज़ की,
तालियों की गूंजें गूंजेगी
कल जब सारी दुनिया बदलेगी. kuch kami hai
rajx1268837424061

RaJ

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kuch kami hai #कविता