जब लग जाए किसी से दिल बाद इसके कहीं दिल न लगे यूँ मिले हैं लोग तुमसे बेहतर भी मगर कोई तुमसा दिल को न लगे मौसम ए बहार में भी दिल उदास है तेरी निस्बत के सिवा कहीं दिल न लगे हक़दार बना है तू अब सब तेरे हवाले वो रात न आई जब हम शब भर न जगे उलझे रहते हैं तुम्हारे ख़यालों में तुम लौट आओ बिन तुम्हारे अब दिल न लगे। पहन लूँ कितने भी शोख़ रँग मैं तेरी मौजूदगी के बिना कहीं दिल न लगे ♥️ Challenge-904 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।