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ना जान थी ना पहचान थी, मैं तो बस इक मेहमान थी, ना

ना जान थी ना पहचान थी,
मैं तो बस इक मेहमान थी,
ना शब्द थे ना अनुभूति,
फिर भी महान थी,
किसे पता था क्या होगा,
पर सब जानते हुए भी अंजान थी,
किसी ने कद्र की, किसी ने अनसुना,
तब कहाँ किसी पर मन बना,
ना किसी की सुध थी मुझे,
मैं तो खुद से ही परेशान थी...  #yqdidi #relation #yqhindi #poetry #guest #world #self #words
ना जान थी ना पहचान थी,
मैं तो बस इक मेहमान थी,
ना शब्द थे ना अनुभूति,
फिर भी महान थी,
किसे पता था क्या होगा,
पर सब जानते हुए भी अंजान थी,
किसी ने कद्र की, किसी ने अनसुना,
तब कहाँ किसी पर मन बना,
ना किसी की सुध थी मुझे,
मैं तो खुद से ही परेशान थी...  #yqdidi #relation #yqhindi #poetry #guest #world #self #words