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सोंधी माटी नन्हे हांथों में, तराश रहा नव जीवन को।

सोंधी माटी नन्हे हांथों में,
तराश रहा नव जीवन को।
नव पथ पर नव जिज्ञासा,
वह ढाल रहा नव जीवन को।

सोंधी माटी नन्हे हांथों में, तराश रहा नव जीवन को। नव पथ पर नव जिज्ञासा, वह ढाल रहा नव जीवन को। #कविता

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