रूह से रूहानी तक , जिस्म से जिस्म मिला तो जिस्मानी तक,आरजू बेहद ताज की थी हमारी,लेकिन रूकसार को हुकूमत–ए –गुलजार मिली , उसकी कब्र में जाने तक । ©ek anjan lekhak #Wochaand #ekanjanlekhak