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मंज़िल दूर ही सही, चलो अब दिखने तो लगी धुंध की थी


मंज़िल दूर ही सही, चलो अब दिखने तो लगी
धुंध की थी जो चादर अब धीरे धीरे छटने तो लगी
दर्द का था जो अब तक आलम अब दोस्त सा लगता है
सफर मुश्किल तो है पर यही संघर्ष जिंन्दा रखता है।
 #patience #persistence #perseverance #goal

मंज़िल दूर ही सही, चलो अब दिखने तो लगी
धुंध की थी जो चादर अब धीरे धीरे छटने तो लगी
दर्द का था जो अब तक आलम अब दोस्त सा लगता है
सफर मुश्किल तो है पर यही संघर्ष जिंन्दा रखता है।
 #patience #persistence #perseverance #goal