फलक पर टूटे तारों को उंगलियों से जोड़ आया हूं..
मैं समझदारी तो ले आया पर बचपन छोड़ आया हूं..
ये बेवफ़ाई का जज़्बा हमें अक्सर सताता हैं..
मैं हमदम की खातिर मां के कंगन छोड़ आया हूं..
अजब सी बेबसी है के मैं लाचारी से तकता हूं..
कुआं तलाश तो कर लिया पर बरतन छोड़ आया हूं.. #Poetry#Love#Trending#thought#maa#sadness#lovelife#nojotoapp#Lonelyness