उनकी मोहब्बत से ज़िंदगी मेरी रोशन होने लगी, दुखों की रात ढलकर उल्लास से भरी भोर होने लगी। दिल की मेरी उदासी आखिरकार दूर होने लगी, मेरी बेरंग सी ज़िंदगी भी अब रंगीन होने लगी। ।। आस ।। उनके आने की आस से ही दिल में ज़िंदगी पैदा होने लगी, शमा जलने से पहले ही उम्मीद की रौशनी ख़दाँ होने लगी। इंतिहा-ए-इश्क़ है ये, इसमें भला कैसी जफ़ा, कैसा गिला, अब तो उन्ही की ख़ुशी में अपनी ख़ुशी की चर्चा होने लगी। ख़दाँ - happiness