अल्फाज़ भी झगड़ पड़े हैं तुम्हारी तारीफ़ के अब ख़ातिर कभी लगता है चाँद कह दूँ कभी लगता है कह दूँ मुसाफ़िर तेरी ख़मोशी पर तो हम फ़िदा हैं कुछ कह दो तो फ़ना हो जाएं बन जाओ जीने की वजह तुम और हम बेवजह हो जाएं... 🎀 Challenge-213 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।