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रंगीन हाथों से आलिंगन, कर लेना सखी, अपना रंग ज़रा

रंगीन हाथों से आलिंगन, 
कर लेना सखी,
अपना रंग ज़रा सा चढ़ा देना, 
मैं भी भीग जाऊँगी पिचकारी ज़रा धीमी चलाना।
ऐ दोस्त कमरिया पर मोरे न नज़र झलकाना,
बस आँखों से वार कर दिल को छू जाना,
न बालटी भर मुझे तुम भिगाना,
मैं तुझ संग प्यार में गुलाल की तरह लाल पीली हो जाऊँगी।।

©Sita Prasad
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