गंगा, जमूना-सरस्वती, वन-वृक्ष श्रृंगार मेरी। क्या कहूँ उस अल्पभू-मालिक से, सुनता न मेरी पुकार है। कहने को संसार हूँ, पर मै कूड़ादान हूँ। ©Mahesh Kopa पृथ्वी की पुकार #Earth_Day_2020