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मेरे अकेले पण मे मेरे साथ, हमेशा मेरी परछाई रहेती

मेरे अकेले पण मे मेरे साथ,
हमेशा मेरी परछाई रहेती थी.....

एक दिन मैने परछाई से पूछा ,
तू क्यूं चलती है मेरे साथ.....

हस्ते हूए परछाई ने कहां.
मेरे सीवा और कोन हे तेरे साथ.....

मूझे जीना भी तेरे साथ है!
और मरना भी तेरे साथ ही है!!

जब तू किसी ओर का नही हो सका,
तो मै किसी ओर की कैसे हो सकती हूं...


जहां तू अकेला है,
वहां मै अकेली हूं !

- Sunil my shadow poem
मेरे अकेले पण मे मेरे साथ,
हमेशा मेरी परछाई रहेती थी.....

एक दिन मैने परछाई से पूछा ,
तू क्यूं चलती है मेरे साथ.....

हस्ते हूए परछाई ने कहां.
मेरे सीवा और कोन हे तेरे साथ.....

मूझे जीना भी तेरे साथ है!
और मरना भी तेरे साथ ही है!!

जब तू किसी ओर का नही हो सका,
तो मै किसी ओर की कैसे हो सकती हूं...


जहां तू अकेला है,
वहां मै अकेली हूं !

- Sunil my shadow poem
sunilpawar7272

Sunil Pawar

New Creator