कलरव करते पंछी रोज, आज मगर अलग ही मस्ती छाई है, भूमिपूजन की शुभघड़ी है आज, संदेशा किरण भोर की लाई है। प्रतिदिन जगमगायेगा, रोज दीवाली होगी, सरयू किनारे, सुना है, आज पड़ने वाले हैं, भगवन! अयोध्या में चरण तुम्हारे..! रागद्वेष सब दूर होगा, भाईचारे का अद्भुत संगम होगा, बरसों से सूना पड़ा था सरयू तट, अब दृश्य विहंगम होगा। 🎀 Challenge-286 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 57 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।