कितना आसान है, चले जाना अकेले दिलबर, फितरत ये आदमी की, बोहोत पुरानी है। फिर भटकते हैं, उनके अपने तन्हा दरबदर, रिश्तों का एक और छिपा पहलू, एक और ये कहानी है।। क्यूं बनाते हैं वो रिश्ते, जिन्हें निभाना नहीं, ये कैसा साथ है, जो साथ जाना नहीं। एक आस के भरोसे, जो छोड़ चले जाते हैं, वो जानते हैं, उन्हें मुड़कर कभी आना नहीं ।। कोशिश तो की होती, बताने अपने दिलों की हलचल, सफर में हमसफ़र को छोड़ना, बुजदिलों की ये निशानी है। शायद हम बता पाते, कितने कमज़ोर है गमों के बादल, दिखा पाते, बस पल दो पल की मुसाफिर ये परेशानी है।। बेवफा नहीं होता है ये सारा जहां, हर नज़र होती नहीं बेगानी है, फिर किस तरह की ये बेवफाई है, और किस तरह की ये बेईमानी है, क्यूं अपनों को छोड़, जानबूझ के चले जाते हैं लोग, जब उनकी जिंदगी से जुड़ी, किसी और की जिंदगानी है।। फिर भटकते हैं, उनके अपने तन्हा दरबदर, रिश्तों का एक और छिपा पहलू, एक और ये कहानी है।। #footsteps #shaayavita #Suicide #depression #Aatmhatya #alone #SAD #Nojoto