ज़िद्दी बचपन आसमां में उड़ जाएं, कुछ भी सोच लेते थे.. टॉफी नहीं मिलती थी तो, बाल नोच लेते थे.. इक जरा सी बात पर, फुट फुट रोना रे.. कहां गया हाय मेरा, दिन वो सलोना रे..! #bachpan