उदास आंखों की एक खासियत होती हैं, वो दूसरो की उदास आंखों को आसानी से भांप लेती हैं। जैसे आज एक मां (अनजान लड़के की मां) की आंखो ने मेरे आंखो को, और मैंने उनकी आंखों को भांपा। मैं ऐशबाग रेलवे स्टेशन (लखनऊ) पर अपनी ट्रेन का इंतजार कर रहा था। शाम हो गई थीं, पास में एक फैमिली आ के बैठी, वो आपस में बात कर रहे थे हेल्थ रिलेटेड । आवाज स्पष्ट तो नही आ रही थी पर जितना सुना वो सीरियस डिजीज ही लगी। साथ ही उस लड़के की मां मुझे एक दो बार देखी क्यूंकि मैं सामने हि बैठा था तो नज़रे आमने सामने हो ही जा रही थी उनकी आंखे उदास थी। मैं कुछ पूछता इससे पहले ही वो बोली क्या हुआ बेटा उदास लग रहे हों। मैं अपने बारे में बात नही करना चाह रहा था तो मैंने पूछ लिया, आप को देख के लगता हैं कि आप भी उदास ही हैं,आप हेल्थ रिलेटेड कुछ बात कर रही थी ,कोई दिक्कत वाली बात है क्या ? आप चाहें तो मुझे बता सकती हैं , हालांकि मैं कोई मेडिकल एक्सपर्ट तो नही हूं पर अभी मैं इस डिजीज पर रिसर्च कर रहा हूं। (जितना सुना था उसके हिसाब से मैने कहा था।) तो शायद कुछ मदद कर सकूं... वो नम आंखों से पास पड़ी रिपोर्ट मुझे दिखाई।