ठहर जा रे वक्त, चंद लम्हें और पी लूं, चंद अश्क और जी लूं ये फितूर, ये गम और अरमानों के जनाजे दे मोहलत तो, और चंद यादें सीने से सी लूं कुछ घड़ी ठहर, कुछ और जी लूं, चंद मय के प्याले,और यारों का तख़त