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कभी कभी चलते चलते यूं ठहर सा जाता हूं खुद की काया

कभी कभी चलते चलते यूं ठहर सा जाता हूं 
खुद की काया देख
सहम सा जाता हूं 
भागता हूं  कई मिल की रफ्तार में फिर भी 
 हर पल टकरा जाता हूं 
नफ़रत नहीं बस डरा हूं 
अंधकार में फिर से नहीं डूबना चाहता हूं 
भूलने बैठूं जो खुद को 
तो खुद से भी ज्यादा पास आ जाता हूं 
पता नहीं क्या मंज़ूर है खुदा को 
अपने आंखों से अपने आपको छुपाना चाहता हूं #कामिल_कवि 
#मेरे_जज्बात008 
#कभीकभी 
#yqdidi 
#yqbaba 
#kunu 
#darkestnight
कभी कभी चलते चलते यूं ठहर सा जाता हूं 
खुद की काया देख
सहम सा जाता हूं 
भागता हूं  कई मिल की रफ्तार में फिर भी 
 हर पल टकरा जाता हूं 
नफ़रत नहीं बस डरा हूं 
अंधकार में फिर से नहीं डूबना चाहता हूं 
भूलने बैठूं जो खुद को 
तो खुद से भी ज्यादा पास आ जाता हूं 
पता नहीं क्या मंज़ूर है खुदा को 
अपने आंखों से अपने आपको छुपाना चाहता हूं #कामिल_कवि 
#मेरे_जज्बात008 
#कभीकभी 
#yqdidi 
#yqbaba 
#kunu 
#darkestnight