मुश्किलें तो है ज़िंदगी में मग़र कोई ग़िला नही, हँसता चेहरा सबने देखा आँसुओ का पता नही। जो कुछ पाया ख़ुदा तेरी 'रहमत' का असर है, आँसू क्यो बहाए उसके लिए जो कभी मिला नही। दौलत शोहरत के पीछे हर कोई आज़ अकेला सा है, मैंने एक हमसफ़र चाहा था कोई काफ़िला नही। टूटी पतवार तेज़ तूफ़ान फ़िर भी सफ़र जारी रहा, समंदर की रवानी सा हूँ कोई पानी का बुलबुला नही। (ग़ज़ल- रहमत) #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ान_कोराकाग़ज़ #kkr2021 #kkरहमत #yqdidi #yqbaba #gazal